वर्नर वोन हेइदेन्स्तम की एक कविता
(अनुवाद: अनुपमा पाठक)
हम, जो कुछ संक्षिप्त क्षणों के लिए मिलते हैं,
एक ही मिटटी और एक ही चमत्कारिक तत्व की संतान,
तूफानों से घिरे हुए अपने जीवन के भूडमरूमध्य* पर!
क्या हम अनभीष्ट और प्रेम की ऊष्मा से हीन जाना चाहेंगे?
एक ही अकेलापन हम सभी का इंतज़ार कर रहा है,
एक ही उदास फुसफुसाहट के साथ कब्र की घास पर.
* भूडमरूमध्य: भूमि की एक पतली पट्टी, जो दो बड़ी जलराशियों (अधिकांशतः सागर) को अलग करती है व दो बड़े भूभागों को जोड़ती है।
Vi människor
Vi, som mötas några korta stunder,
barn av sammajord och samma under,
på vår levnads stormomflutna näs!
Skulle kärlekslöst vi gå och kalla?
Samma ensamhet oss väntar alla,
samma sorgsna sus på gravens gräs.
-Verner Von Heidenstam
वाह!!
ReplyDeleteसुन्दर.
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